कुछ ऐसे मानव व्यवहार होते हैं, जिसकी कानून इजाजत नहीं देता। ऐसे व्यवहार करने पर व्यक्ति को उसके परिणामों का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यवहार जो समाज विरोधी हों और जिसके लिए विधि में दंड का प्रावधान हो, अपराध कहलाते हैं। भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के लिये मुख्य कानून दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 (Code of Criminal Procedure, 1973), भारतीय दण्ड संहिता, 1860 (Indian Penal Code, 1860) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (Indian Evidence Act, 1872) हैं। इन तीनों को संयुक्त रूप से क्रीमिनल मेजर एक्ट या मुख्य आपराधिक कानून कहा जाता है। इस सीरीज में इन तीनों ही कानूनों को सरलतम भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है। इस सीरीज के Vol-I में दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में महत्वपूर्ण धाराओं को शामिल किया गया है, जो धाराएँ कम महत्व की हैं या तो उन्हें एक लाइन में समझा दिया गया है या उन्हें पुस्तक में जगह ही नहीं दी गई है। विधि की क्लिष्ट भाषा विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागियों के लिए सदैव परेशानी का सबब बनी रहती है। इस हेतु हम प्रयासरत हैं कि विधि के उन विषयों को सरलतम रूप में प्रस्तुत कर सकें। इसमें नवीनतम महत्वपूर्ण वाद और परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर जो व्याख्या सहित दिए गए हैं, पुस्तक को विशिष्ट बनाते हैं। Mr. Man Mohan Joshi as known as MJ Sir is an advocate by profession, an educator by passion, bestselling author to numerous law books, a research scholar, a life coach, a mentor to thousands of Law aspirants, CEO of Kautilya Academy & founder of Vidhik Shiksha. These are just a few tags that followed his zeal towards excellence in Judiciary Entrance Examination preparation. Be it India or Abroad. MJ sir has received more than 128 accolades & recognition from prestigious institutions including the esteemed Oxford University (U.K).