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संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान(UN Peacekeeping)

  • Vaid's ICS, Lucknow
  • 02, Jul 2021
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संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान(UN Peacekeeping)

G.S. Paper-II

संदर्भ:

अभी तक, संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में, 1 जुलाई से शुरू होने वाले वर्ष के लिए शांति सुरक्षा बजट (Peacekeeping Budget) पर सहमति नहीं हो सकी है। यदि इस मामले में शीघ्र ही कोई समाधान नहीं खोजा गया तो वर्तमान में जारी ‘सभी संयुक्त राष्ट्र शांति सुरक्षा अभियानों‘ को रोकना पड़ सकता है।

शांति सुरक्षा बजट पर यह अवरोध, चीन और अफ्रीकी देशों द्वारा अंतिम समय में किए जाने वाले कई अनुरोधों की वजह से उत्पन्न हुआ है।

संबंधित प्रकरण:

  1. संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक शांति अभियानों का सालाना बजट लगभग 6.5 बिलियन डॉलर के बराबर होता है, और इसका वित्तीय वर्ष 1 जुलाई से आरंभ होता है। विदित हो, वर्तमान में, पूरे विश्व में संयुक्त राष्ट्र के लगभग 20 शांति अभियान जारी है, जिनमे लगभग 100,000 शांति-सैनिक, जिन्हें ब्लू हेलमेट (Blue Helmets) भी कहा जाता है, तैनात हैं।
  2. इस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश, शांति सुरक्षा बजट पर सहमत होने में विफल रहे हैं।

निहितार्थ:

  1. जब तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा बजट पर निर्णय नहीं लिया जाता है, उस समय तक इन अभियानों को सफलतापूर्वक जारी रखने में कड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और ये मात्र अपने कर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों पर व्यय करने के लिए प्रतिबंधित होंगे।
  2. कार्यक्रम संचालन में कटौती किए जाने से, अभियानों की अपने अधिदेशों, जैसे कि, कोविड से निपटने में तैनाती वाले देशों की सहायता, नागरिकों की सुरक्षा करना, आदि को कार्यान्वित करने की क्षमता सीमित हो जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र शांति सुरक्षा अभियानों का वित्त पोषण किस प्रकार किया जाता है?

  1. यद्यपि, शांति सुरक्षा अभियानों को शुरू करने, जारी रखने या विस्तार करने के बारे में निर्णय, सुरक्षा परिषद द्वारा लिए जाते हैं, किंतु इन संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों का वित्तपोषण, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है।
  2. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 17 के प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक सदस्य राष्ट्र शांति अभियानों के लिए निर्धारित राशि का भुगतान करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है।

वर्ष 2020-2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों हेतु आकलन किए गए योगदान के शीर्ष 5 प्रदाता देश निम्नलिखित हैं:

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका (27.89%)
  2. चीन (15.21%)
  3. जापान (8.56%)
  4. जर्मनी (6.09%)
  5. यूनाइटेड किंगडम (5.79%)

‘शांति अभियान’ क्या है?

  1. संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान, ‘डिपार्टमेंट ऑफ़ पीस ऑपरेशन’ तथा ‘डिपार्टमेंट ऑफ़ ऑपरेशनल सपोर्ट’ का एक संयुक्त प्रयास है।
  2. प्रत्येक ‘शांति सुरक्षा अभियान’ को ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ द्वारा मंजूरी प्रदान की जाती है।

संरचना:

  1. संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षकों में सैनिक, पुलिस अधिकारी और नागरिक कर्मी सम्मिलित हो सकते हैं।
  2. सदस्य देशों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर शांति सैनिको का योगदान दिया जाता है।
  3. शांति अभियानों के नागरिक कर्मचारी, अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवक होते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सचिवालय द्वारा भर्ती और तैनात किया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान तीन बुनियादी सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होते है:

  1. पक्षकारों की सहमति
  2. निष्पक्षता
  3. अधिदेश की सुरक्षा और आत्मरक्षा के अलावा बल प्रयोग नहीं किया जाएगा।
गगनयान (GAGANYAAN)

G.S. Paper-III

संदर्भ:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा, दिसंबर में पहला ‘मानव रहित मिशन’ अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। यह मिशन, मानव-सहित अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ का एक भाग होगा।

  1. इसरो के अनुसार, कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण ‘गगनयान’ कार्यक्रम गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। महामारी के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में बार-बार लगाए गए लॉकडाउन की वजह से विभिन्न उपकरणों की आपूर्ति बाधित हुई है।
  2. ‘गगनयान’ कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, मानवयुक्त मिशन भेजने की आद्योपान्त (end-to-end) क्षमता का परीक्षण करने हेतु पहले मानव-रहित दो अंतरिक्ष उड़ानों को भेजने की योजना है।

गगनयान कार्यक्रम की घोषणा कब की गई थी?

  1. गगनयान कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2018 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान की थी।
  2. इसरो का लक्ष्य, भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से पहले, 15 अगस्त, 2022 तक अपने पहले मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन, गगनयान को लॉन्च करना है।

उद्देश्य:

गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य, भारतीय प्रक्षेपण यान पर मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की क्षमता प्रदर्शित करना है।

तैयारियां और प्रक्षेपण:

  1. गगनयान कार्यक्रम के एक भाग के रूप में चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री-उम्मीदवार पहले ही रूस में सामान्य अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
  2. इस मिशन के लिए, इसरो के हैवी-लिफ्ट लॉन्चर जी.एस.एल.वी. मार्क III (GSLV Mk III) को चिह्नित किया गया है।

भारत के लिए मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन की प्रासंगिकता:

  • उद्योगों को प्रोत्साहन: अत्यधिक मांग वाले अंतरिक्ष अभियानों में भागीदारी के माध्यम से भारतीय उद्योग को बड़े अवसर प्राप्त होंगे। गगनयान मिशन में प्रयुक्त लगभग 60% उपकरणों को भारतीय निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित किया जाएगा।
  • रोजगार: इसरो प्रमुख के अनुसार, गगनयान मिशन 15,000 नए रोजगार के अवसर सृजित करेगा, उनमें से 13,000 रोजगार निजी उद्योग में होंगे। इसके अलावा, अंतरिक्ष संगठन के लिए 900 व्यक्तियों की अतिरिक्त श्रमशक्ति की आवश्यकता होगी।
  • प्रौद्योगिकी विकास: मानव सहित अंतरिक्ष उड़ानें, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे हैं। मानव-सहित अंतरिक्ष उड़ानों से मिलने वाली चुनौतियां और इन मिशनों को स्वीकार करने से भारत को काफी लाभ होगा और भारत में तकनीकी विकास के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
  • अनुसंधान और विकास में प्रोत्साहन: इससे, अच्छे अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा मिलेगा। उचित उपकरणों सहित बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं के शामिल होने से मानव सहित अंतरिक्ष उड़ानों (Human Space flights- HSF) से खगोल-जीव विज्ञान, संसाधन खनन, ग्रह रसायन विज्ञान, ग्रह कक्षीय अभिकलन और कई अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुसंधानों का विस्तार होगा।
  • अनुसंधान और विकास में प्रोत्साहन: इससे, अच्छे अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा मिलेगा। उचित उपकरणों सहित बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं के शामिल होने से मानव सहित अंतरिक्ष उड़ानों (Human Space flights- HSF) से खगोल-जीव विज्ञान, संसाधन खनन, ग्रह रसायन विज्ञान, ग्रह कक्षीय अभिकलन और कई अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुसंधानों का विस्तार होगा।
  • प्रेरणा: मानव-सहित अंतरिक्ष उड़ान, राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य लोगों के साथ-साथ युवाओं को प्रेरणा प्रदान करेगी। यह, युवा पीढ़ी को उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी और उन्हें भविष्य के कार्यक्रमों में चुनौतीपूर्व भूमिका निभाने में सक्षम करेगी।
  • प्रतिष्ठा: भारत, मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन शुरू करने वाला चौथा देश होगा। गगनयान न केवल देश में प्रतिष्ठा लाएगा, बल्कि अंतरिक्ष उद्योग में एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की भूमिका भी स्थापित करेगा।

प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

इंद्रजाल
  1. हैदराबाद स्थित एक ‘प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकास फर्म’ ग्रेने रोबोटिक्स (Grene Robotics) द्वारा भारत का “इंद्रजाल” (Indrajaal) नामक पहला स्वदेशी ‘ड्रोन प्रतिरक्षा गुंबद’ (Drone Defence Dome) डिजाइन और विकसित किया गया है।
  2. विशेषताएं: यह ‘ड्रोन प्रतिरक्षा गुंबद’, मानव रहित हवाई वाहनों (UAV), युद्धक हथियारों को गिराए जाने और लो-रडार क्रॉस सेक्शन (Low- Radar Cross Section – RCS) जैसे हवाई खतरों का आकलन और स्वतः  कार्रवाई करते हुए 1000-2000 वर्ग किमी के क्षेत्र को हवाई खतरों से बचाने में सक्षम है।

 

एंटोनियो गुटेरेस दोबारा संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में नियुक्त

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एंटोनियो गुटेरेस को 1 जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर, 2026 तक के लिये दूसरे कार्यकाल हेतु संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UNSG) नियुक्त किया है।

  1. गुटेरेस ने 1 जनवरी, 2017 को पद की शपथ ली और उनका पहला कार्यकाल 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त होगा।
  2. गुटेरेस 1995 से 2002 तक पुर्तगाल के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।
  3. गुटेरेस ने जून 2005 से दिसंबर 2015 तक (एक दशक) शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया था।